!! पराजय !!
एक युद्ध के दौरान , एक दिन सेना के प्रधान
सेनापति को सूचना मिली कि दुश्मन ने उसकी मुख्य रक्षा पंक्ति को तोड़ दिया है , और
निरंतर आगे बढ़ा चला आ रहा है | सेनापति अत्यंत परेशान हो उठा और उसके चहरे पर
निराशा के भाव उभर आए |
उधर प्रधान सेनापति की पत्नी को भी उस समाचार का
पता चला | वह तुरंत कमरे में आकर अपने पति के चहरे के भावों को पढ़ते हुए बोली –
“मेरे पास भी अभी एक खबर आई है और वह आपको मिली खबर से भी कहीं अधिक बुरी है |”
"कैसी खबर ?" सेनापति ने घबराकर पूछा | आपके चहरे
पर उभर आए भावों को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आप हिम्मत हार चुके है | हिम्मत
हार जाना तो सेना के हारने से भी बुरी बात है , जब तक मनुष्य हिम्मत ना हारे , तब
तक कोई हार , हार नहीं होती |”
Moral :- मंजिलें इंसान के हौसलें आजमाती है , सपनों के परदे आँखों से हटाती है , किसी भी बात से हिम्मत मत हारना , ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है ||
Also read :- सामना करो
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