17 October 2016

काँटों में राह बनाते है (Motivational Poem in Hindi)





काँटों में राह बनाते है (Motivational Poem in Hindi)



!! काँटों में राह बनाते है !!

सच है विपत्ति जब आती है
कायर  को  ही  दहलाती  है ,
सुरमा  नहीं  विचलित  होते
क्षण एक नहीं  धीरज  खोते ,
विघ्नों  को  गले  लगाते  है
काँटों   में   राह   बनाते   है |

मुँह से न कभी उफ़ कहते है
संकट का चरण न  गहते  है ,
जो आ पड़ता  सब  सहते  है
उद्योग-निरत  नित रहते है ,
शूलों   का   मूल   नसाते   है
बढ़ खुद विपत्ति पर छाते है |

है कौन विघ्न  ऐसा  जग  में
टिक सका आदमी के मग में ,
ख़म ठोक ठेलता है  जब  नर
पर्वत  के  जाते   पाँव  उखड़ , 
मानव  जब जोर  लगाता  है
पत्थर  पानी   बन  जाता  है |

गुण बड़े  एक-से-एक  प्रखर
है  छिपे  मानवों  के   भीतर ,
मेंहदी  में   जैसे   लाली   हो
वर्तिका  बीच  उजियाली  हो ,
बत्ती  जो  नहीं   जलाता  है
रोशनी  नहीं  वह   पाता   है  ||


- रामधारी सिंह दिनकर 







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Note:    This inspirational poem is not my original creation .

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