!! सरस्वती वंदना !!
हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी
अम्ब विमल मति दे , अम्ब विमल मति दे ..........
जग सिर मौर बनाएँ भारत
वह बल विक्रम दे , अम्ब विमल मति दे ...........
साहस शील ह्रदय में भर दे ,
जीवन त्याग तपोमय कर दे
संयम सत्य स्नेह का वर दे , स्वाभिमान भर दे
हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी ,
अम्ब विमल मति दे , अम्ब विमल मति दे ..........
लव-कुश , ध्रुव प्रहलाद बने ,
हम मानवता का त्राश हरे हम ,
सीता सावित्री दुर्गा माँ फिर घर-घर भर दे
हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी ,
अम्ब विमल मति दे , अम्ब विमल मति दे ...........
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inspirational poem is not my original creation .
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