!! है ना काबिले तारीफ माइल्स का यह जज्बा !!
अंधापन अभिशाप नहीं है | दोंनों आँखों से दिखाई
नहीं देने के बावजूद जिंदगी न केवल खुबसूरत हो सकती है बल्कि दिखाई देने वाले
इन्सान से भी अधिक ,अनोखी , अद्भुत और
हैरतअंगेज कार्य करने में सक्षम बन सकती है | इसका प्रमाण यहाँ से मिलता है :-
यह कहानी “माइल्स हिटलर बराबर (Miles Hilton Barber)” British के एक अंधे साहसी (blind adventurer) और प्रेरणादायक वक्ता (motivational speaker) की है |
“माइल्स
हिटलर बराबर” की कहानी उन जांबाजों के
समान है , जिसे सुनकर कोई भी चौंके बिना नहीं रह सकता है | उन्होंने सन् 2006 के
अप्रैल माह में एक अद्भुत कारनामा कर दिखाया | उन्होंने लन्दन से आस्ट्रेलिया के
सिडनी शहर के बीच की दूरी 22,400 किलोमीटर को माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट से पूरा किया
| उन्होंने यह दूरी 44 दिन में पूरी की |
परन्तु एक अंधा व्यक्ति जिसे चलने में कठिनाई
होती है , दूसरों के सहारे जिसे सड़क पार करना होता है ,ऐसा व्यक्ति यदि हवाई जहाज
उड़ाकर 22,400 किलोमीटर का फासला तय करे तो उसे क्या कहा जाए |
माइल्स के कारनामे एक नहीं , अनेकों है | उन्होंने
पैराशूट के माध्यम से सहारा एवं अन्टार्कटिका के क्षेत्रों को पार किया है | इसमें
उन्हें पैरशूट से 40 बार कूदना पड़ा |
उन्होंने अपने एक साथी जॉन कुक के साथ हिमालय की एक चोटी की चढाई भी की | इस चोटी
की ऊंचाई 27,500 फीट (5,335 मीटर ) है | माइल्स ने 2002 में मैराथन दौड़ में भी भाग
लिया है |
माइल्स ने धरती का सबसे ठंडा मैराथन दौड़ , जो की
साइबेरिया में होता है , में भी भाग लिया है | अपने अदम्य आत्मविश्वास की बदौलत
कतार रेगिस्तान को भी उन्होंने बिना रुके , बिना थके , दिन-रात 76 घंटे तक डरते
हुए पार कर लिया |
अंधे माइल्स की कहानी यहाँ तक की नहीं है , बल्कि और भी रोमांचक
एवं हैरतअंगेज है | उन्होंने अपने दो विकलांग मित्रों के साथ 62,255 किलोमीटर की यात्रा पूरी की , जिसमे उन्हें 93
दिन लगे | उन्होंने 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से चलने वाली रेसिंग कार का
भी उपयोग किया और अंततः माइल्स ने अपने मित्र रिचर्ड मेरेडीथ हार्डी के साथ मिलकर
इंगलैंड से आस्ट्रेलिया की उड़ान को 22 देशों के ऊपर से पूरा किया |
माइल्स की ये बातें साबित करती है कि अंधा होना ना तो
कोई अपराध है ना किसी तरह का अभिशाप | व्यक्ति चाहे तो अपने अपने साहस के बल पर
ऐसा कुछ कर सकता है जिसे आंख वाले शायद ही कर सकें |
क्यों है ना काबिले तारीफ माइल्स का यह जज्बा ...........
Moral :- तो दोस्तों , जरा सोचिये कोई व्यक्ति अंधा होते
हुए भी हवाई जहाज उड़ा सकता है , पहाड़ों पर चढ़ाई कर सकता है , मैराथन दौड़ में भाग
ले सकता है , तो क्या हम वो नहीं कर सकते जो हम करना चाहते हो (आपने लक्ष्य को पाना ).............बिलकुल कर सकते हो.........
दोस्तों , हम वो सब कुछ कर सकते हो , अगर जरुरत है तो अपने अंदर के आत्मविश्वास और साहस को जगाने की ..............................
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