सबसे बड़ा रोग - क्या कहेंगे लोग ?????
दोस्तों ,
जैसा की हम सभी जानते है की
आज दुनिया में इतनी रोग और बीमारियाँ फैली है जिन्हें हम गिन (count) भी नहीं सकते
है | आज हर एक व्यक्ति कोई न कोई बीमारी से लड़ रहा है चाहे वो Physical हो या
mental ....
पर मेरी नजर में अगर दुनिया
का कोई सबसे बड़ा कोई रोग है तो , वो हमारी खुद की ही सोच है कि - "लोग क्या कहंगे ………????
समाज क्या कहेगा……….???? अगर मैंने ऐसा किया तो लोग
मेरे बारे में क्या कहेंगे ??? क्या सोचेंगे ???" and all that…….
जिसने दुनिया में बहुत सारे
लोगों को सफल होने से रोक रखा है | मेरे अनुमान से दुनिया में 70% लोग इसी सोच के
कारण सफल नहीं हो पाते ,सफलता की तो बात ही छोड़िये , वे अपने life में अपने लक्ष्य (Goal) की तरफ आगे भी नहीं बढ़ पाते है और ना ही
कभी खुश रह पाते है |
कहीं आप भी तो इस तरह के
सोच (रोग) से घिरे तो नहीं है पर इसके लिए डरने की कोई जरुरत नहीं
है , क्योंकि इस रोग का इलाज अगर कोई कर सकता है तो , वो इन्सान खुद “आप” ही है “आप” ...............
OK , अब मैं आपसे ये पूछना
चाहती हूँ कि ............ दूसरे आपको ख़राब कहते है तो आप डरते है , तो क्या आपके डरने से दूसरे ख़राब नहीं कहेंगें ??? वे तो जैसी
उनकी मर्जी होगी वैसा ही कहेंगें |
आप अगर डरेंगें तो भी वे वैसा ही कहेंगें और अगर न डरे तो भी
वैसा ही कहेंगें | उनके मन में जैसी बात आएगी वे तो वैसा ही कहेंगें | क्या आपके
डरने से वे आपको अच्छा कहने लग जाएंगें ??? ये possible ही नहीं है |
“दूसरे क्या क्या कहते है” - इसको न देखकर (सोचकर) अपनी बात पर डटे रहो , अपने काम पर ठीक रहो , यह बहुत बड़ी बात
है | इस तरह से अपने पर जितना विश्वास हो सके करे , दृढ़ता (मजबूती ) से जितना रह
सको रह जाओ तो आपके सब डर मिट जाएंगें | जब आप ने कोई गलती ही न की हो तो डर किस
बात का ??? आप जब अपनी जगह ठीक है, कार्य (work) ठीक है विचार ठीक है , भाव ठीक है
, तो फिर दूसरों से कभी भी expect मत करो की वे आपको अच्छा समझे या कहे |
“लोग आपको अच्छा कह दे” यह expect मत करो | “कोई बुरा न कह दें” यह डर ही आपकी रुकावट है |
इस तरह अगर आप डरते रहे तो आप कभी भी success नहीं हो पाएंगें | जो व्यक्ति दूसरों के certificate पर
खुद का decision लेता हो वह भला कैसे success होगा ???
सब के सब आपको अच्छा कह दे ये आपके हाथ की बात नहीं है | लोग तो न कहने लायक बात भी कहेंगें | वे मन में
जानते है की आप ऐसे नहीं हो फिर भी आपको चिढाने के लिए , आपको दुखी करने के लिए
वैसी बात कहेंगें , क्योंकि ये वो लोग है जो न तो कभी success हो पाते है और ना ही दूसरों को success करते हुए या खुश
रहते हुए देख सकते है |
इसलिए आप स्वयं अच्छे बने , पर दूसरों से यह expect बिलकुल
भी न करे कि वो आप को अच्छा कहे | वे आप को अच्छा जानते हुए भी अच्छा नहीं कहेंगें
क्योंकि आपको अच्छा कहने
की ताकत ही नहीं उनमें | अगर आप wait कर रहे है कि लोग आपको अच्छा कहे
तो ये आपकी सबसे बड़ी भूल है - “अच्छा
कहलाओ मत , अच्छा बनो” |
अच्छा , मुझे एक बात बताइए कि क्या आप कभी भी अपने खजाने
(locker) की चाबी कभी भी भूल से दूसरों के हाथों में देते है , तो क्या आपकी
happiness और success पैसों से भी कम कीमती (precious) है जो आप अपने happiness or
success की चाबी दूसरों को दे देते है |
अगर लोग आपकी थोड़ी सी तारीफ
कर देते है तो , आप खुश (happy) हो जाते हो और अगर कोई थोड़ी सी बुराई कर देते है
तो आप sad हो जाते है | आप अपनी ख़ुशी के लिए दूसरों पर dependent हो जाते है . मैं
पूछती हूँ क्यों why ................why ............???
अब आप खुद ही decide किजिये :-
आप क्या पसंद करेंगे जिंदगी भर लोगों से डर कर जीना या अपनी खुद की बनाई हुई free और happy life जीना ..........
फैसला आपके हाथों में है
..................
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