!! कुछ नहीं भूली हूँ मैं माँ !!
वो पापा की डाँट से तेरा मुझे बचाना
वो हर सुबह तेरा यूँ प्यार से मुझे
जगाना
वो किचन में सबसे छुपाकर मेरे लिए
कुछ बनाना
वो प्यार से डाँट कर तेरा मुझे पढाना
वो हर गलती पर तेरा यूँ प्यार से
मुझे समझाना
वो मेरी हर ख़ुशी के लिए तेरा यूँ
सबसे लड़ जाना
वो मेरे बिना कहे ही तेरा यूँ सब कुछ
समझ जाना
सच में अभी तक कुछ भी नहीं भूली हूँ
मैं माँ
माँ तेरी बहुत याद आती है
याद आते ही आँखें नम हो जाती है
एक तू ही तो मेरी दुनिया थी मेरी जान
थी
अगर मैं सच कहूँ तो तू ही मेरा भगवान
थी ||
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