➣ इस Post का Youtube Video देखने के लिए यहाँ click करें ☺
!! सफल जीवन का राज !!
एक बार एक विद्यालय के सभाकक्ष में
विद्यार्थियों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था | विद्यालय
के प्रधानाचार्य जी बच्चों को सफल जीवन के बारे में बता रहे थे कि तभी एक छात्र को
उनकी बात समझ में नहीं आई | उसने पूछा - "गुरूजी आखिर
इस सफल जीवन का राज क्या है ?"
उसकी जिज्ञासा को शांत करने के लिए प्रधानाचार्य
जी कुछ देर बाद उस छात्र को लेकर एक खाली मैदान की तरफ गए | वहाँ
पर एक लड़का पतंग उड़ा रहा था | प्रधानाचार्य जी ने उस छात्र
से पूछा - "अच्छा मुझे यह बताओ की वह कौन-सी चीज है , जो
इस पतंग को इतनी ऊँचाई पर रखे हुए है ?"
छात्र ने कहा गुरूजी , "वह हवा है |"
प्रधानाचार्य जी बोले - "नहीं ....... वह तो पतंग की डोर है |"
पतंग को उड़ते हुए देख कर उस छात्र ने गुरु जी से कहा - "गुरूजी
इस डोर की वजह से तो पतंग और ऊपर नहीं जा पा रही है , क्या हम
इसे तोड़ दे ताकि ये और ऊपर चली जाये ...........
छात्र की बात सुनकर गुरूजी ने धागा तोड़ दिया ....... पतंग थोड़ी-सी और
ऊपर गई और उसके बाद लहरा कर नीचे आई और दूर अनजान जगह पर जा कर गिर गई |
तब गुरूजी ने छात्र को समझाते हुए सफल जीवन का राज बताया -
"बेटा , जीवन में हम जिस ऊँचाई पर है , हमें अक्सर लगता है की कुछ चीजें जिनसे हम बंधे है वे हमें और ऊपर जाने से
रोक रही है | जैसे :- घर , परिवार
, अनुशासन , माता-पिता आदि और हम उनसे
आजाद होना चाहते है | वास्तव में यही वो डोर है जो हमें उस
ऊँचाई पर बना कर रखते है .....
इन धागों के बिना हम अपने जीवन में एक बार तो ऊपर जायेंगे परन्तु बाद
में हमारा वो ह्रस होगा जो बिन धागे की पतंग का हुआ |
अतः जीवन में यदि तुम ऊँचाइयों पर बने रहना चाहते हो तो कभी भी इन
धागों से रिश्ता मत तोड़ना
धागे और पतंग जैसे जुड़ाव के सफल संतुलन से मिली हुई ऊँचाई ही
"सफल जीवन का राज है |"
Moral :- दोस्तों
हमें भी गुरूजी की इस बात को गाँठ बाँध लेना चाहिए और जीवन में अपनाना चाहिए ताकि
हम भी उस धागे से बाँधी हुई पतंग की तरह हमेशा ऊँचाइयों को छूते रहे न की उस टूटे
हुए धागे वाली पतंग की तरह फिर से जमीं पर आ गिरें | हमें
भी अपने जीवन के धागों और पतंग को संतुलित करके चलना चाहिए क्योंकि यही सफल जीवन
का राज है |
Also read :- अन्य प्रेरणादायक कहानियाँ पढने के लिए यहाँ क्लिक करें ....
पहचानिए अपनी छुपी हुई संपदा को (Motivational Story in Hindi)
आत्मनिरीक्षण (Story in hindi with moral)
जीवन में कुछ भी व्यर्थ नहीं है (Moral Story in Hindi)
...........................................................................
loading...
Note :- This inspirational Story is not my original creation .
निवेदन :- कृपया अपने comments के माध्यम से जरुर बताएं की आपको यह Story कैसी लगी और यदि आपको यह story पसंद आयी तो please इसे अपने friends के साथ जरुर share करे |
यदि आपके पास हिंदी में कोई good article, poem, inspirational story,या जानकारी है , जो आप हमारे साथ share करना चाहते है, तो कृपया हमसे contact करे (Contact Us) , पसंद आने पर हम उसे आप के नाम और photo के साथ यहाँ publish करेंगे , Thanks !
bahut achha
ReplyDeleteDhanywad
Delete